जब बाबा फरीद ने सुना, हज़रत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी ने पर्दा फरमा लिया  तो बाबा फरीद को बहुत दिनों तक कुछ समझ नहीं आया की अब क्या होगा।  और काफी दिनों तक वो उनके मज़ार ए शरीफ पे मिटटी डालते रहे।  और इसी वजह से बाबा क़ुतुब का रोज़ा शरीफ बहुत उचाई पर है।  क्यों की ये किसे भी मुरीद के लिया आसान नहीं होता की उनके पीर ने पर्दा फरमा लिया।  ठीक इसी तरह जब हज़रत महबूब इ इलाही ने सुना हज़रत बाबा फरीद ने पर्दा फरमा लिया तो काफी दिनों तक हज़रत महबूब ए इलाही ने बहुत दिनों तक न तो अपने लिए घर बनाया और न कोई खानकाह का इंतजाम नहीं किया. मैं इस वेबसाइट में इस बात को लिखने की हिम्मत नहीं जुटा सका की हमारे पीर ए मुर्शिद ने पर्दा   फरमा लिया।  हमारे पीर ए मुर्शिद हुज़ूर साहब ने १४ अक्टूबर २०१५ की रात को जाहिरी तौर पे हमसे विदाई ले ली लेकिन वो बातिनी तौर पे हमेशा हमारे साथ है..Welcome to our website

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इस बार का चिल्ला बड़ा मुबारक रहा  I हमारे पीर मुर्शिद हुजूर साहब ने बुधवार की महफ़िल में शिरकत की,

और इस बार अगस्त की महफ़िल में हुजूर साहब ने पुरे समय बैठ कर महफ़िल ऐ  शमा को रोशन किया। ज़र्रा ज़र्रा कैफियत में डूबा हुआ था I

 

ख़ुदा  करे कि  वो मेरा नसीब हो जाए । 
वो जितना दूर है उतना क़रीब  हो जाए ॥ 
जो मेरे ख़्वाबों  ख़यालों के आसमां  पर है । 
उसी के जिस्म की ख़ुशबू नसीब हो जाए ॥ 

 

ख्वाजा हो तोहरी नज़र अलबेली
अबकी बरस मोरी चूनर रंग देव,
सब सखियन में चूनर मोरी मैली !
ख्वाजा भो चिस्ती शान दिखाओ
अपने करम की आन बढ़ाओ,
ख्वाजा तुम्ही महाराजा कहो,
रंग और नूर के दरिया बहाओ,
अबकी बरस मोरी चूनर रंग देव,
सब……………… !
तुम तो ए ख्वाजा जाने जहां हो,
बाग़े एरम हो जन्नत निशां हो,
धरती के ऊपर तुम आसमाँ हो,
वरना तो फिर ये रौनक़ कहाँ हो,
ख्वाजा हो तोहरी नज़र अलबेली,
अबकी बरस मोरी चूनर रंग देव,
सब……………… !
ख्वाजा निजाम के द्वारे जो रहिये,
गंजे शकर जी से आस लगईये,
बाबा क़ुतुब जी को सजदा जो करिये,
तो ख्वाजा मोईन से काहे न कहिये,
अबकी बरस मोरी चूनर रंग देव,
सब……………… !
हासिले दौलत क़ल्बो नज़र हो,
दिल में हमारे तुम्हारा घर हो,
दर पे तुम्हारे हमारा सर हो,
हम पर ए ख्वाजा ऎसी नज़र हो,
अबकी बरस मोरी चूनर रंग देव,
सब……………… !
~ हज़रत शाह मंज़ूर आलम शाह

आपकीनज़रों के घायल ख्वाज़ा दीवाने बहुत ।  बस्ती बस्ती सहरा सहरा उनके अफसाने बहुत ॥    कारसाज़ी  किबरियाई  आपकी नज़रों का खेल ।  जिनके दिल अच्छे हैं उनके लब पे शुकराने बहुत ॥   सजदा करते इस ज़मीं तक क़ाफ़िले दर क़ाफ़िले ।  इश्क़ जब जिंदा था आए दिल के नज़राने बहुत ॥    तुम न समझोगे यही अर्शे बरीं का है मक़ाम ...

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    मौजमौजतूफांहैमौजहीकिनाराहै।

    वाहतेरीकुदरतकाखेलकितनान्याराहै।।

    तुम निराश मत होना अपनी आस मत खोना ।

    जो न ख़ुद को याद आए उसका वो सहारा है ।

    हम जिसे न भूलेंगे वो सनम हमारा है ।।

    - हज़रत शाह मंज़ूर आलम शाह
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दुनिया से क्या कहना सुनना, इससे मत कुछ कहा करो|

रामभरोसेरहनेवाले, रामभरोसेरहाकरो||

 

मनसेकहनाभटकनजाये, दिलसेकहनाजलाकरो|

एकदिनसाजनमिलजायेंगे, सैयांसैयांरटाकरो||

 

देखतदेखतमिटेअँधेरा, रामरूपकिजोतजगे||

तुमकोबसहमदेखसके, तुमऎसीकिरपाकियाकरो||

 

एकतज्जलीएकतमाशा, एककिपूजाएकसेनाता|

ध्यानधरोगुरुमूरतअन्दर, मनकिमालाजपाकरो||

 

येमस्तीकेहस्तीक्याहै, साजनबिनायेबस्तीक्या है|

मस्तबनोतोफिरहरलम्हा, साथसाजनकेरहाकरो||

 

  • मैं उनसे दूर रह कर भी कभी तनहा नहीं होता, 

  • मेरे हमराह रहती है विसाल ए यार की खुशबू !!

 

मंदिरो मे आप मंचाहे भजन गाया करें
मैकदा है ये, यहाँ तह्ज़ीब से आया करें .

Hamare Peer E Murshid...

 

पत्त्ता कोइ बे हुकम तुम्हारे नही हिलता,
दुनिया है यहाँ जोर किसी का नही चलता,,
जब तक  न मिले तुमसे यहाँ कुछ नही मिलता.  
तुम पालो तो पल जाएँ कोइ युं नही पलता,
अरमान बना रखे है ज़िँदो मे खडे  हैं,,
तुमने हि जिलाया है तो जी भी रहें है ..

 

‘’Mujhme mera kuch nahi tere siva

                  Is junun ke sath tera dam kadam’’

                                                            ( Gular ke Phool )

 

मौजशाह के लाडले है  

तुमसे ये दुनिया मेरी,

तुमको लग जाये  उमर

जाना  येह  दिल चाहे यही 

Huzur Sahab Ka Janam Din manaya Gaya Pichle Hafte 10 March ko , Jo pure Dhoom dham se Kidwai Nagar me Niyaz va Mahafil ka Intzam kiya gaya.

 

News

Huzur ki Sehat

20/07/2015 21:48
Huzur Sahab Ki Tabiyat Thik nahi hai aaj kal, Aap sab se gujarish hai ki aap log .. unke liya dua kare.. Aur yebhi dua mange ki hame hamare Huzur Sahab Itni Takat Ata Farmayen ki is sankat ki ghadi me in paristhiti ka samna kar sake,,,     Huzur Sahab ab Aziz manjil me hai .. 

Chilla ki Tarikh

14/07/2015 09:23
Khankah ke sabhi logo ko ittlah ki jati hai ki Chilla aane wali 14 July 2015 se shuru ho raha hai Dua me shariq hone wale log Dua me bhag le sakte hai. * Niyaz 21st August 2015 * Mahafi e shama 22nd August 2015

Events Calendar

Hazrat Baba Husaini Shah, from Jajmau (Kanpur),

07/06/2012 10:19
Hamare Huzur Sahab ke Peer E Murshid, Hazrat Baba Husaini Shah, from Jajmau (Kanpur), ka Ursh Mubarak 28th June Din Veervar ko hai , Chahne wale wahan pahunch kar Barqat va faiz payen.Hazrat ka urs Mubarak June ke Akhiri Veervar ko Manaya jata hai. Aap Sabhi ko Urs Mubarak Ho  !!!!!!!!

Ursh 2012 Hazarat Khwaja Garib Nawaj :-

14/05/2012 10:14
Hazarat Khwaja Garib Nawaj ka Urs Mubarak Tarikh 23 may 2012 se tarikh 28 May Tak Pure Jashna ke sath manaya jayaga, Kanpur Khankah mall road me Tarikh 27 ko Mahfil Shama va Niyaz pesh ke jaygi..Hazrat Isme Sabhi log Shamil ho...

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Karamat E Ishq

Faqiri Raste me chlna asan nahi, magar Chal diye to Lautana usase jyade muskil.

Rashkhan

Mushayra E Rashkhan.   Rashkhan Ek sanstha hai jo Khankah se hi talluq rakhti hai. Huzur Sahab ne iska naam Ek Bahut Bare  Sufi Shayar Rashkhan ke naam par yeh naam diya hai. Jo Har sal April month me Surendra nath sen Balika vidddyalaya me Mushayara manaya jata hai. jisme Aala...

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Khushboo E Huzur

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23/05/2012 11:49
Shahi Lab 63/2 The Mall Kanpur.
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