By Pradeep Srivastava

23/04/2012 11:16

 

अब मान लिया हमने उनको ही ख़ुदा अपना........

तक़दीर मोहब्बत की इन क़दमों में पल जाये |

तक़दीर मोहब्बत की इन क़दमों में पल जाये | मांगी है दुआ या रब ये बात टल न जाए ||   अब मान लिया हमने उनको ही ख़ुदा अपना | दुनिया से ये कह देना जलती है तो जल जाये ||   खनकेंगे अभी साग़र मदहोश बना देंगे | कुछ सब्र करो रिन्दों मैख़ाना संभल जाये ||   जीने तो नहीं देंगे ये शोर तलातुम के | पाना ...

 
|- हज़रत शाह मंज़ूर आलम